मिथिला के दो भागों में बंटे दरभंगा से सुपौल को जोड़ने की कवायद तेज हो गयी है। करीब 206 किमी लंबे सहरसा सरायगढ़ झांझरपुर सकरी निर्मली राघोपुर फारबिसगंज रेल परियोनाओ के तहत निर्माण कार्य जारी है। निर्मली आसनपुर कुपहा सरायगढ़ के रास्ते सहरसा से दरभंगा की दूरी 70 किमी कम हो जाएगी। गुरुवार को समस्तीपुर डीआरएम अशोक माहेश्वरी, ECR के चीफ इंजीनियर केडी रल्ह, सीएओ निर्माण ब्रजेश कुमार ने सरायगढ़-आसनपुर कुपहा झांझरपुर तिमूरिया रेलखंड का निरीक्षण किया। जून के आखिरी हफ्ते में सरायगढ़ से आसनपुर कुपहा तक सीआरस निरीक्षण कराया जाएगा। झांझरपुर से तिमूरिया तक सीआरस निरीक्षण हो चुका है। झंझारपुर तिमूरिया के बीच दो पुलों में तकनीकी पेंच है। इसी महीने के अंतिम सप्ताह में आरसडीओ लखनऊ के इंजीनियर दौरा करेंगे और पुल पर ट्रेनों की गति निर्धारित करेंगे जिसके बाद झंझारपुर से तिमूरिया तक ट्रेनों का परिचालन शुरू होगा। तिमूरिया से निर्मली के रास्ते असानपुर कुपहा तक जल्द काम पूरा कर रेलवे की अगस्त तक कोशी महासेतु होते हुए सरायगढ़ से झंझारपुर तक सीधी रेल सेवा शुरू करने की है।
जुलाई के दूसरे हफ्ते में राघोपुर तक सीआरएस निरीक्षण
सुपौल से सरायगढ़ तक सीआरस निरीक्षण फरवरी के महीने में किया गया था। लेकिन लॉक डाउन होने के कारण ट्रेनो का परिचालन शुरू नही हो सका। सीएओ ब्रजेश कुमार ने चल रही निर्माण परियोजनाओं का निरीक्षण किया। सरायगढ़ से फारबिसगंज रेलखंड के राघोपुर स्टेशन तक ट्रेन चलाने की योजना है। राघोपुर स्टेशन पर प्लेटफार्म निर्माण कार्य चल रहा है। जुलाई के दूसरे हफ्ते में राघोपुर तक सीआरएस निरीक्षण कराने की योजना है। इसके बाद अगले फेज में ललितग्राम तक कार्य पूरा किया जाएगा और अगले साल मार्च 2021 तक फारबिसगंज तक रेल चलाने की तैयारी है। इस परियोजना के पूरे होते ही पूर्वोत्तर राज्यों के लिए दिल्ली से एक वैकल्पिक रास्ता मिलेगा।