देश मे पहली गरीब रथ एक्सप्रेस 2005 में सहरसा और अमृतसर के बीच चलाई गई थी। इस ट्रेन की खासियत यह है कि इसके सभी कोच थर्ड एसी के कोच है। अब तक कुल 26 गरीब रथ ट्रेनें देश के अलग अलग रूटों पर चलती है। देश भर में पुराने ICF कोचों का निर्माण बंद हो गया है। गरीब रथ के परंपरागत कोचों का निर्माण अब नही होता। पुराने ICF कोचों को मॉडर्न LHB कोचों ने ले लिया है। एलएचबी कोच ICF कोच के मुकाबले ज्यादा सुरक्षित मानी जाती है। गरीब रथ में पुराने कोचों के रहने पर अक्सर यात्रियों द्वारा शिकायतें आती रहती है। कभी ट्रेन की एसी को लेकर शिकायत की जाती है तो कभी सीटों को लेकर। सहरसा से अमृतसर जाने वाली गरीब रथ एक्सप्रेस में साइड में भी मिडिल बर्थ होने से लोवर के साथ साथ अपर सीट वालों को भी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। गरीब रथ के पुराने ICF कोच होने के कारण हमेशा मेन्टेन्स की जरूरत पड़ती है। रेलवे इन सभी पुराने कोचों को हटाकर इन सब मे मॉडर्न थर्ड एसी की एलएचबी कोच लगाएगी।
रेलवे ने गरीब रथ के नए कोच बनाने के दिये आदेश
रेलवे बोर्ड ने गरीब रथ के पुराने आईसीएफ कोच के बदले नए थर्ड एसी के एलएचबी कोच वित्तीय वर्ष 2020-21 में बनाने के आदेश जारी किए है। इंटीग्रल कोच फैक्टरी पेरम्बूर चेन्नई गरीब रथ एक्सप्रेस के लिए 283 नए थर्ड एसी के एलएचबी कोचों का निर्माण करेगी तो वही रेल कोच फैक्टरी कपूरथला 273 नए थर्ड एसी के एलएचबी कोचों का निर्माण करेगी। एलएचबी कोच आईसीएफ की तुलना में ज्यादा आरामदायक होते है। एलएचबी कोच लगने के बाद गरीब रथ के यात्रियों को काफी सहुलियत होगी।