महेंद्र सिंह धोनी भारत के सफल कप्तानों में सबसे ऊपर है। उन्होंने अपने अंदाज से क्रिकेट जगत में ऐसी छाप छोड़ी है कि विरोधी टीम के खिलाड़ी भी उनकी प्रशंसा करने से नही चूकते। कैप्टन कूल महेंद्र सिंह धोनी फील्ड पर अपनी शांत स्वभाव शैली से किसी भी परिस्थिति में गेम को बदलने में माहिर है, इसलिए भी उन्हें दुनिया का सबसे बेहतरीन फिनिशर माना जाता है। 15 अगस्त को धोनी ने भले ही अंतराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कह दिया हो लेकिन धोनी क्रिकेट की एक ऐसी किताब है जिसका कोई अंत नही है। बिहार के भागलपुर में एक टूर्नामेंट में दर्शकों के बीच छोड़ी थी अमिट छाप,धोनी की बल्लेबाजी देख लोगों ने कहा था यह लड़का भारतीय क्रिकेट टीम से खेलेगा और ठीक चार महीने बाद ही भारत ए टीम में घोनी का चयन हो गया फिर धोनी ने पीछे मुड़ कर नही देखा।
दिल्ली की टीम के तरफ से खेलने आये थे धोनी
वर्ष 2004 में भागलपुर के सेंडिस कम्पाउंड स्टेडियम में सदभावना कप टूर्नामेंट का आयोजन किया गया था। जिस्मे कई अंतराष्ट्रीय क्रिकेट खेल चुके खिलाड़ियों ने हिस्सा लिया था जिसमें देवाशीष मोहंती, विजय दाहिया, गगनदीप सिंह जैसे खिलाड़ियों ने भाग लिया था। दिल्ली की टीम के तरफ से खेलने आये धोनी ने सदभावना कप टूर्नामेंट में चौकों छक्कों की बरसात कर दी थी। फाइनल मुकाबले में धोनी के हेलीकॉप्टर शॉट ने स्टेडियम में मौजूद दर्शकों का दिल जीत लिया था। तब धोनी का क्रिकेट जगत में कोई बड़ा नाम नही था। धोनी ने भगालपुर में ऐसी पारी खेली की उन्हें मैन ऑफ टूर्नामेंट दिया गया। ठीक इसके चार महीने बाद ही धोनी का भारत ए के लिए चयन हो गया और रांची से निकलकर धोनी दुनिया भर के कोरोड़ो दर्शकों के दिलों में बस गया। महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी में भारत ने 2007 टी ट्वेंटी विश्व कप, 2013 विश्व कप और 2013 में आईसीसी चैंपियन ट्रॉफी में भारत को जीत दिलाई। धोनी का 2011 विश्व कप के फाइनल में वो हेलीकॉप्टर शॉट भला कौन भूल सकता है। धोनी ने भले क्रिकेट को अलविदा कह दिया हो लेकिन लोग धोनी के खेल को कभी भूल नही पाएंगे। अब सब को IPL का इंतजार है जहां चेन्नई सुपरकिंग्स की तरफ से महेंद्र सिंह धोनी क्रिकेट के मैदान पर नजर आएंगे।